Tuesday, December 26, 2023

ग़ैरत-ज़दा तो

ग़ैरत-ज़दा तो डूब गया एक बूँद में, 
बे-ग़ैरतों को कोई समुंदर नहीं मिला। 

-महेन्द्र हुमा

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