Friday, December 08, 2023

चट्टानों पर खड़ा हुआ

चट्टानों पर खड़ा हुआ तो छाप रह गई पाँवों की

सोचो कितना बोझ उठाकर मैं इन राहों से गुजरा


            -दुष्यंत कुमार

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