ग़ज़लों के चुनिंदा शेर
परिंदे वो ही जा पाते हैं ऊँचे आसमानों तक
जिन्हें सूरज से जलने का तनिक भी डर नहीं होता!
-जयकृष्ण राय तुषार
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