Saturday, December 23, 2023

शाम को जिस वक़्त

शाम को जिस वक़्त, ख़ाली हाथ, घर जाता हूँ मैं,
मुस्कुरा देते हैं बच्चे, और मर जाता हूँ मैं।

               -राजेश रेड्डी

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