ग़ज़लों के चुनिंदा शेर
देखिए, पत्तों की हरियाली चुराता कौन है,
टहनियों को इस तरह, नंगी बनाता कौन है।
-माहेश्वर तिवारी
(आजकल, जून 1991)
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