Tuesday, December 26, 2023

चुपके चुपके रात दिन

चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है,
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है।

-सैयद फ़ज़ल हसन 'हसरत मोहानी'

[1875 - 1951]

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