Monday, December 11, 2023

रोज़ निकलता है

रोज़ निकलता है दफ़्तर तू क्यों घर की उलझन लेकर
क्यों दफ्तर की उलझन लाकर तू अपने घर रखता है

          -कमलेश भट्ट कमल

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