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Monday, January 15, 2024

घर तो है

घर तो है लेकिन घर में अब आँगन नहीं रहा
रिश्ते हैं रिश्तों में पर अपनापन नहीं रहा

                      -चन्द्रभान भारद्वाज

Thursday, January 11, 2024

घर की देहरी

घर की देहरी छोड़कर जाने को जी करता नहीं
क्या कहूँ घर की ज़रूरत ले गई बाहर मुझे

          -कैलाश गौतम

Saturday, January 06, 2024

घरों दफ्तरों में

घरों दफ्तरों में  मठों मदरसों में
बताओ कहाँ अब सियासत नहीं है

       -आलोक यादव

Thursday, January 04, 2024

घर का बँटवारा हुआ

घर का बँटवारा हुआ तो घर का आँगन रो पड़ा
दिल भी कितने बँट रहे थे घर के बँटवारे के साथ

            -कुँअर बेचैन

घड़ा मिट्टी का

घड़ा मिट्टी का पत्तों की चटाई
बुजुर्गों की निशानी है अभी तक

      -कुमार नयन

Friday, December 29, 2023

घर में झीने-रिश्ते मैं ने

घर में झीने-रिश्ते मैं ने लाखों बार उधड़ते देखे,
चुपके-चुपके कर देती है, जाने कब तुरपाई अम्माँ।

-आलोक श्रीवास्तव

Friday, December 08, 2023

घरों की राख फिर देखेंगे

घरों की राख फिर देखेंगे, पहले देखना ये है,
घरों को फूँक देने का, इशारा कौन करता है।

-राहत इन्दौरी