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Wednesday, January 10, 2024

समापन हो गया

समापन हो गया नभ में सितारों की सभाओं का
उदासी आ गई अँगड़ाइयों तक तुम नहीं आए

          -बलबीर सिंह रंग

Wednesday, December 27, 2023

चहचहाना रहे

आबोदाना रहे, रहे, न रहे
चहचहाना रहे, रहे, न रहे

हमने गुलशन की खैर माँगी है
आशियाना रहे, रहे, न रहे

        -बलवीर सिंह रंग

हद से बढ़ जाती है

हद से बढ़ जाती है जब आदमी की मजबूरी,
अमन पसंद बग़ावत की बात करते हैं।

-बलवीर सिंह रंग

Sunday, December 10, 2023

रंग का रंग

'रंग' का रंग, ज़माने ने बहुत देखा है,
क्या कभी आपने बलवीर से बातें की हैं।

              -बलवीर सिंह रंग