ग़ज़लों के चुनिंदा शेर
कविता की पाठशाला
नवगीत की पाठशाला
नवगीत संग्रह और समीक्षा
लोक संस्कृति
हिंदी की सौ सर्वश्रेष्ठ प्रेम कविताएँ
link
व्योम के पार
कविता की पाठशाला
Showing posts with label
-संजीव गौतम
.
Show all posts
Showing posts with label
-संजीव गौतम
.
Show all posts
Sunday, December 24, 2023
जहाँ से हम चले थे
जहाँ से हम चले थे फिर वहीं आख़िर में जा पहुँचे,
हमारी सोच ने हमको क़बीलाई बना डाला।
-संजीव गौतम
अजब हैं माइने
अजब हैं माइने इस दौर की गूंगी तरक्की के,
मशीनी लोग ढाले जा रहे हैं कारख़ानों में।
-संजीव गौतम
वो दूरी नाप ही लेंगे
वो दूरी नाप ही लेंगे कभी तो आसमानों की,
परिन्दों का यकीं कायम तो रहने दो उड़ानों में।
-संजीव गौतम
झूठ की जैकार
झूठ की जैकार यूँ ही बोलिये,
नुक्स भी आ जायेगा किरदार में।
-संजीव गौतम
हमें तो फ़िक्र है
हमें तो फ़िक्र है उसकी, सो हम तो टोकेंगे,
हमें पता है वो हमको बुरा समझता है।
-संजीव गौतम
झूठ ने पर कतर
झूठ ने पर कतर दिये सच के,
हौसलों में उड़ान है फिर भी।
-संजीव गौतम
ग़लत हो तुम कि
ग़लत हो तुम कि अब कुछ हो नहीं सकता,
घड़ी कोई नहीं होती सँभलने की।
-संजीव गौतम
भले ही बाँट लें
भले ही बाँट लें माँ-बाप को बच्चे बुढ़ापे में,
मगर माँ बाप अपने प्यार को आधा नहीं करते।
-संजीव गौतम
उसूलों के लिए
उसूलों के लिए जो भी लड़ा होगा,
वो अपनी उम्र से कितना बड़ा होगा।
-संजीव गौतम
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)