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Friday, December 29, 2023
दोपहर तक बिक गया
दोपहर तक बिक गया बाजार में एक -एक झूठ,
शाम तक बैठे रहे हम अपनी सच्चाई लिए।
-विजेन्द्र सिंह परवाज़
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