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Sunday, January 07, 2024
हो चुकी जब
हो चुकी जब ख़त्म अपनी ज़िंदगी की दास्ताँ
उन की फ़रमाइश हुई है इस को दोबारा कहें
-शमशेर बहादुर सिंह
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