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Monday, January 15, 2024

ज़माने के ख़ुदा

ज़माने के ख़ुदा या नाख़ुदा कोशिश भले कर लें
गुनहगारों की कश्ती है, नदी में डूब जायेगी

              -अंसार कम्बरी

Friday, December 08, 2023

ये जिस्म का मकान

ये जिस्म का मकान घड़ी दो घड़ी का है,

तू मान या न मान, घड़ी दो घड़ी का है।


-अंसार कम्बरी

मौत के डर से

मौत के डर से नाहक परेशान हैं

आप ज़िन्दा कहाँ हैं जो पर जाएँगे


-अंसार कम्बरी