Showing posts with label -कृष्ण बिहारी नूर. Show all posts
Showing posts with label -कृष्ण बिहारी नूर. Show all posts

Thursday, February 15, 2024

मैं तो ग़ज़ल सुना के

मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा
सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए

                -कृष्ण बिहारी नूर

Saturday, December 30, 2023

मैं एक कतरा हूँ

मैं एक कतरा हूँ मेरा अलग वजूद तो है
हुआ करे जो समंदर मेरी तलाश में है

-कृष्ण बिहारी नूर

खुद भी खो जाती है

खुद भी खो जाती है, मिट जाती है, मर जाती है
जब कोई क़ौम कभी अपनी ज़बाँ छोड़ती है

-कृष्ण बिहारी नूर