ग़ज़लों के चुनिंदा शेर
कविता की पाठशाला
नवगीत की पाठशाला
नवगीत संग्रह और समीक्षा
लोक संस्कृति
हिंदी की सौ सर्वश्रेष्ठ प्रेम कविताएँ
link
व्योम के पार
कविता की पाठशाला
Showing posts with label
-बालस्वरूप राही
.
Show all posts
Showing posts with label
-बालस्वरूप राही
.
Show all posts
Tuesday, January 16, 2024
ढूँढ़ रहे हो
ढूँढ़ रहे हो गाँव-गाँव में जाकर किस सच्चाई को
सच तो सिर्फ वही होता है, जो दिल्ली दरबार कहे
-बालस्वरूप राही
सीधे-सच्चे लोगों के
सीधे-सच्चे लोगों के दम पर ही दुनिया चलती है
हम कैसे इस बात को मानें, कहने को संसार कहे
-बालस्वरूप राही
Monday, January 15, 2024
दोस्तों ने जिसे
दोस्तों ने जिसे डुबाया हो
वो ज़रा देर से सँभलता है
-बालस्वरूप राही
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)