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Monday, December 25, 2023
हमेशा रूठते थे
हमेशा रूठते थे गाँव में, जो मम्मी पापा से,
वो अपने रूठते रहने की आदत छोड़ आये हैं।
-राहुल रेड
बुरे बनते हैं मजबूरी में
बुरे बनते हैं मजबूरी में अक्सर लोग दुनिया में,
ज़माना सीधे साधों को यहाँ जीने नहीं देता।
-राहुल रेड
झूठों की अब
झूठों की अब कद्र हो रही दुनिया में,
सच कहने वालों को ही धमकाते लोग।
-राहुल रेड
अपने अपने आकाओं
अपने अपने आकाओं की लिए यहाँ
ज़्यादातर कवि झूठ को सच्चा लिखते हैं
-राहुल रेड
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