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Wednesday, June 12, 2024
उसके हाथ में
उस के हाथ में ग़ुब्बारे थे फिर भी बच्चा गुम-सुम था
वो ग़ुब्बारे बेच रहा हो ऐसा भी हो सकता है
-सैयद सरोश आसिफ़
Thursday, May 30, 2024
उसमें चूल्हे तो
उसमें चूल्हे तो कई जलते हैं
एक घर होने से क्या होता है।
-डॉ. अख्तर नज़्मी
Monday, January 22, 2024
उन्हीं को चीर के
उन्हीं को चीर के बढ़ना है अब किनारे पर
उतर गए हैं तो लहरों से ख़ौफ़ खाना क्या
-आलोक मिश्रा
Monday, January 15, 2024
उठाती है जो
उठाती है जो ख़तरा हर कदम पर डूब जाने का
वही कोशिश समन्दर में खज़ाना ढूँढ़ लेती है
-राजेन्द्र तिवारी
उसका भाषण
उसका भाषण था कि मक्कारों का जादू 'एहतराम'
मैं कमीना था कि बुज़दिल, मुग्ध श्रोताओं में था
-एहतराम इस्लाम
Wednesday, January 10, 2024
उसको सच कहना
उसको सच कहना जरूरी था मगर
सूलियों को देखकर के डर गया
-महेन्द्र हुमा
Sunday, January 07, 2024
उदास धूप का
उदास धूप का मंजर बदलने आया है
कि आज बर्फ पर सूरज टहलने आया है।
-ज्ञान प्रकाश विवेक
उमस, अँधेरा, घुटन
उमस, अँधेरा, घुटन, उदासी, ये बंद कमरों की खूबियाँ हैं
खुली रखो गर ये खिड़कियाँ तो कहीं से ताज़ा हवा भी आए
-सुल्तान अहमद
Friday, January 05, 2024
उसकी याद आयी है
उसकी याद आयी है साँसों ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
-राहत इन्दौरी
उस आदमी की
उस आदमी की वक़्त सुनाता है दास्तान
जो आदमी दास्तान से आगे निकल गया
-माधव कौशिक
उपवन उजाड़ के
उपवन उजाड़ के वो मेरा, क्यों चली गई
मेरी तो आँधियों से कोई दुश्मनी न थी
-विजय लक्ष्मी 'विभा'
Wednesday, January 03, 2024
उन्हें अवकाश
उन्हें अवकाश ही इतना कहाँ है मुझसे मिलने का
किसी से पूछ लेते हैं यही उपकार करते हैं
-जयशंकर प्रसाद
उसने हमको
उसने हमको झील तराई और पहाड़ दिए
हमने उन सबकी गर्दन में पंजे गाड़ दिए
-मुजफ़्फ़र हऩफी
Thursday, December 28, 2023
उम्र भर सच ही
उम्र भर सच ही कहा सच के सिवा कुछ न कहा,
अज्र क्या इस का मिलेगा ये न सोचा हम ने।
-शहरयार
उन का ये कहना
उन का ये कहना सूरज ही धरती के फेरे करता है,
सर-आँखों पर सूरज ही को घूमने दो ख़ामोश रहो।
-इब्न-ए-इंशा
उस ने अच्छा ही किया
उस ने अच्छा ही किया रिश्तों के धागे तोड़ कर,
मैं भी कुछ उकता गया था वो भी कुछ ऊबा सा था।
-बदनाम नज़र
Sunday, December 24, 2023
उसूलों के लिए
उसूलों के लिए जो भी लड़ा होगा,
वो अपनी उम्र से कितना बड़ा होगा।
-संजीव गौतम
Saturday, December 23, 2023
उसूलों पर जहाँ
उसूलों पर जहाँ आँच आए, टकराना ज़रूरी है,
जो ज़िन्दा हो, तो फिर, ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है।
-वसीम बरेलवी
Thursday, December 21, 2023
उड़ने दो परिन्दों को
उड़ने दो परिन्दों को अभी शोख हवा में,
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते।
-बशीर बद्र
Tuesday, December 19, 2023
उसने मैना को देखा है
उसने मैना को देखा है जबसे बाज़ के पंजों में,
बिटिया मेरी गुमसुम रहती, अब मुस्काना भूल गई।
-अशोक अंजुम
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