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Thursday, February 15, 2024

दुनिया भर की

दुनिया भर की राम-कहानी किस किस ढंग से कह डाली
अपनी कहने जब बैठे तो एक एक लफ़्ज़ पिघलता था

                        -ख़लील-उर-रहमान आज़मी