ग़ज़लों के चुनिंदा शेर
नए घर में पुराने एक दो आले तो रहने दो,
दिया बनकर वहीं से माँ हमेशा रोशनी देगी।
-जयकृष्ण राय तुषार
परिंदे वो ही जा पाते हैं ऊँचे आसमानों तक
जिन्हें सूरज से जलने का तनिक भी डर नहीं होता!