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Tuesday, January 16, 2024

न जाने कितनी

न जाने कितनी सुरंगें निकल गईं उससे
खड़ा पहाड़ भी बस आँख का ही धोखा था

            -द्विजेन्द्र द्विज

Monday, January 15, 2024

कहीं दिखे ही

कहीं दिखे ही नहीं गाँवों में वो पेड़ हमें
कि जिनके साए की बूढ़े मिसाल देते हैं

                -द्विजेन्द्र द्विज