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Tuesday, January 16, 2024

दे सको तो

दे सको तो कहूँ और क्या चाहिये
साँस घुटती है ताज़ा हवा चाहिये

              -महेन्द्र हुमा 

Monday, January 15, 2024

इन्सान की तलाश

इन्सान की तलाश में बस्ती के लोग थे
इन बस्तियों को इतने ख़ुदा कौन दे गया

          -महेन्द्र हुमा 

Wednesday, January 10, 2024

उसको सच कहना

उसको सच कहना जरूरी था मगर
सूलियों को देखकर के डर गया 

    -महेन्द्र हुमा

Tuesday, December 26, 2023

ग़ैरत-ज़दा तो

ग़ैरत-ज़दा तो डूब गया एक बूँद में, 
बे-ग़ैरतों को कोई समुंदर नहीं मिला। 

-महेन्द्र हुमा