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Tuesday, January 16, 2024

चलती फिरती

चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है 
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है 

                    -मुनव्वर राना

Sunday, January 07, 2024

चाहता है वो

चाहता है वो कि दरिया सूख जाए
रेत का व्यापार करना चाहता है

            -ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

Thursday, January 04, 2024

चाँद क्या सजता

चाँद क्या सजता सँवरता है कभी
अच्छी शै अच्छी नज़र आयेगी खुद

            -सरदार आसिफ़

Friday, December 29, 2023

चुपके-चुपके घर की

चुपके-चुपके घर की अलमारी में दीमक लग गई, 
ध्यान रख लेते तो बच जाते बड़े नुकसान से।

-हरेराम समीप

चहकते घर

चहकते घर, महकते खेत और वो गाँव की गलियाँ,
जिन्हें हम छोड़ आए, उन सभी को जीते रहते हैं।

-आलोक श्रीवास्तव 

चला जाता हूँ

चला जाता हूँ हँसता खेलता मौजे हवादिस से,
अगर आसानियाँ हों ज़िंदगी दुश्वार हो जाए।

          -असगर गोंडवी

Wednesday, December 27, 2023

चहचहाना रहे

आबोदाना रहे, रहे, न रहे
चहचहाना रहे, रहे, न रहे

हमने गुलशन की खैर माँगी है
आशियाना रहे, रहे, न रहे

        -बलवीर सिंह रंग

Tuesday, December 26, 2023

चुपके चुपके रात दिन

चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है,
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है।

-सैयद फ़ज़ल हसन 'हसरत मोहानी'

[1875 - 1951]

चंद शैताँ

चंद शैताँ बंद कर के ख़ुश हैं यूँ
जैसे बाहर सब फ़रिश्ते रह गए

        -आनंद नारायण मुल्ला

Tuesday, December 19, 2023

चालबाज़ी से जो खेला

चालबाज़ी से जो खेला, खेल के भीतर रहा,
जो रहा ईमान पर, वो खेल के बाहर हुआ।

                  -हस्तीमल हस्ती

Tuesday, December 12, 2023

चमन में आग न लगती

चमन में आग न लगती तो और क्या होता
के फूल फूल के दामन में इक शरारा था

              -गुलाम रब्बानी 'ताबाँ'


[ गुलाम रब्बानी ताबाँ- 15-2-1914 - 07 -2-1993,  कायमगंज, फर्रुखाबाद, उ.प्र., साहित्य अकादमी अवार्ड-1979 ]

Friday, December 08, 2023

चन्द दानों के लिए

चन्द दानों के लिए निकती जो बुलबुल नीड़ से

लौटकर आई भी तो टूटे हुए पर लाएगी


-कुँअर बेचैन


चट्टानों पर खड़ा हुआ

चट्टानों पर खड़ा हुआ तो छाप रह गई पाँवों की

सोचो कितना बोझ उठाकर मैं इन राहों से गुजरा


            -दुष्यंत कुमार