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Thursday, January 11, 2024

हो गए जब

हो गए जब बंद सारे रास्ते मेरे लिए
खुल गया कोई नया दरवाज़ा मेरे सामने!

    -योगेन्द्रदत्त शर्मा

हाँ, गुज़र ही जाएगा

हाँ, गुज़र ही जाएगा दौर ये, नहीं दौर कोई भी मुस्तकिल
यही आदमी का यक़ीन है, यही वक़्त का भी बयान है !

                   -योगेन्द्रदत्त शर्मा