Showing posts with label -दाग़ देहलवी. Show all posts
Showing posts with label -दाग़ देहलवी. Show all posts

Wednesday, July 31, 2024

ख़ूब पर्दा है कि

ख़ूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं
साफ़ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं

            -दाग़ देहलवी

तुम्हारा दिल मिरे

तुम्हारा दिल मिरे दिल के बराबर हो नहीं सकता
वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता

            -दाग़ देहलवी

Thursday, December 21, 2023

जिसमें लाखों बरस की

जिसमें लाखों बरस की हूरें हों,
ऐसी जन्नत को, क्या करे कोई।

               -दाग़ देहलवी