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-कैलाश गौतम
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Tuesday, January 16, 2024
सूप सभा में
सूप सभा में चुप बैठा है, देख रहा है लोगों को
चलनी उड़ा रही है खिल्ली, अच्छी है जी अच्छी है
-कैलाश गौतम
बारूदों, अंगारों
बारूदों, अंगारों, अंधे कुओं, सुरंगों, साँपों को
झेल रहीं सदियों से दिल्ली, अच्छी है जी अच्छी है
-कैलाश गौतम
Monday, January 15, 2024
कहते थे जिसे
कहते थे जिसे दूध का धोया हुआ सभी
निकला वो रँगा स्यार है, सच कह रहा हूँ मैं
-कैलाश गौतम
Thursday, January 11, 2024
घर की देहरी
घर की देहरी छोड़कर जाने को जी करता नहीं
क्या कहूँ घर की ज़रूरत ले गई बाहर मुझे
-कैलाश गौतम
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