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-साक़िब लखनवी
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Wednesday, December 27, 2023
ज़माना बड़े शौक़ से
ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था,
हमीं सो गए दास्ताँ कहते कहते।
-साक़िब लखनवी
Tuesday, December 26, 2023
बाग़बाँ ने आग दी
बाग़बाँ ने आग दी जब आशियाने को मिरे
जिन पे तकिया था वही पत्ते हवा देने लगे
-साक़िब लखनवी
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