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-जाँ निसार अख़्तर
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Thursday, February 15, 2024
न जाने वक़्त
न जाने वक़्त की रफ़्तार क्या दिखाती है
कभी कभी तो बड़ा ख़ौफ़ सा लगे है मुझे
-जाँ निसार अख़्तर
Sunday, December 31, 2023
दिल्ली कहाँ गईं
दिल्ली कहाँ गईं तिरे कूचों की रौनक़ें
गलियों से सर झुका के गुज़रने लगा हूँ मैं
-जाँ निसार अख़्तर
फ़ुर्सत-ए-कार
फ़ुर्सत-ए-कार फ़क़त चार घड़ी है यारो
ये न सोचो की अभी उम्र पड़ी है यारो
-जाँ निसार अख़्तर
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