Showing posts with label -उर्मिलेश. Show all posts
Showing posts with label -उर्मिलेश. Show all posts

Thursday, December 21, 2023

भूख जब जब

भूख जब जब जवान होती है,
ज़िन्दगी इम्तिहान होती है।

      -उर्मिलेश

Monday, December 11, 2023

मेरे पिता की उम्र से

मेरे पिता की उम्र से कम थी न उसकी उम्र
वह गिर रहा था और मैं हँसता खड़ा रहा

                -उर्मिलेश 

Friday, December 08, 2023

कौन कातिल हमारा

कौन कातिल हमारा है, मत पूछिए

वरना अपनों के चेहरे उतर जाएँगे


    -उर्मिलेश


(आजकल, जून 1991)

Thursday, December 07, 2023

जो हमें बाँग देकर

जो हमें बाँग देकर जगाते रहे
बोटियाँ हम उन्हीं की चबाते रहे
  
               -उर्मिलेश

बारिश हुई तो लोग

बारिश हुई तो लोग सभी घर में छुप गये
वो घर की छत था इसलिए भीगा खड़ा रहा
          
                -उर्मिलेश

दूसरों में ऐब अक्सर

दूसरों में ऐब अक्सर ढूँढ़ते रहते हैं लोग
क्या करें मजबूर हैं ख़ुद को छुपाने के लिये
           
                    -उर्मिलेश

जिसने तमाम शहर की

जिसने तमाम शहर की बुनियाद थी रखी
उसको ही इस शहर में कहीं घर नहीं मिला
          
                -उर्मिलेश

बेवजह दिल पे

बेवजह दिल पे कोई बोझ न भारी रखिये
ज़िन्दगी जंग है इस जोग को जारी रखिये

                        -उर्मिलेश