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Sunday, January 07, 2024

रास्ते जब

रास्ते जब नए बनाओगे
कुछ तो काँटे जरूर पाओगे

         -सुल्तान अहमद

दाना लेने उड़े

दाना लेने उड़े परिंदे कुछ
आ के देखा तो आशियाँ गायब   
  
         -सुल्तान अहमद

तुमको सच बोलने की

तुमको सच बोलने की आदत है
कैसे हर एक से निभाओगे?

  -सुल्तान अहमद

उमस, अँधेरा, घुटन

उमस, अँधेरा, घुटन, उदासी, ये बंद कमरों की खूबियाँ हैं
खुली रखो गर ये खिड़कियाँ तो कहीं से ताज़ा हवा भी आए

      -सुल्तान अहमद