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Monday, March 04, 2024
आने वाली नस्लें
आने वाली नस्लें तुम पर रश्क करेंगी हम-अस्रो
जब ये खयाल आयेगा उनको, तुमने ‘फ़िराक़’ को देखा था
-फ़िराक़ गोरखपुरी
सरज़मीने-हिन्द पर
सरज़मीने-हिन्द पर अक़वामे-आलम के 'फ़िराक़'
क़ाफ़ले बसते गये हिन्दोस्ताँ बनता गया।
-फ़िराक़ गोरखपुरी
कहीं वो आके
कहीं वो आके मिटा दें न इन्तेज़ार का लुत्फ़
कहीं कुबूल न हो जाय इल्तेजा मेरी।
-फ़िराक़ गोरखपुरी
Thursday, December 28, 2023
बहुत पहले से
बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं,
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं।
-फिराक़ गोरखपुरी
ग़रज़ कि काट दिए
ग़रज़ कि काट दिए ज़िंदगी के दिन ऐ दोस्त,
वो तेरी याद में हों या तुझे भुलाने में।
-फिराक़ गोरखपुरी
इक उम्र कट गई
इक उम्र कट गई है तिरे इंतिज़ार में,
ऐसे भी हैं कि कट न सकी जिन से एक रात।
-फिराक़ गोरखपुरी
एक मुद्दत से
एक मुद्दत से तेरी याद भी आयी न हमें,
और हम भूल गये हों तुझे ऐसा भी नहीं।
-फ़ि
राक़ गोरखपुरी
Wednesday, December 27, 2023
कौन ये ले रहा है
कौन ये ले रहा है अँगड़ाई,
आसमानों को नींद आती है।
-फ़िराक़ गोरखपुरी
Saturday, December 23, 2023
पाल ले इक रोग
पाल ले इक रोग नादां ज़िन्दगी के वास्ते,
फ़क़त सेहत के सहारे, ज़िन्दगी कटती नहीं।
-फ़िराक़ गोरखपुरी
कौन रोता है
कौन रोता है, किसी और की ख़ातिर, ऐ दोस्त,
सब को अपनी ही, किसी बात पे रोना आया।
-फ़िराक़ गोरखपुरी
Thursday, December 21, 2023
तेरे आने की
तेरे आने की, क्या उम्मीद मगर,
कैसे कह दूँ, कि इन्तज़ार नहीं।
-फिराक गोरखपुरी
Thursday, December 07, 2023
ये माना ज़िन्दगी
ये माना ज़िन्दगी है चार दिन की
बहुत होते हैं यारों चार दिन भी
-फि़राक़ गोरखपुरी
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