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-राजेश रेड्डी
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Saturday, December 23, 2023
शाम को जिस वक़्त
शाम को जिस वक़्त, ख़ाली हाथ, घर जाता हूँ मैं,
मुस्कुरा देते हैं बच्चे, और मर जाता हूँ मैं।
-राजेश रेड्डी
Thursday, December 21, 2023
मेरे दिल के
मेरे दिल के किसी कोने में एक मासूम सा बच्चा,
बड़ों की देखकर दुनिया, बड़ा होने से डरता है।
-राजेश रेड्डी
कल तक जो घर थे
कल तक जो घर थे, गाँव थे, कस्बे थे, शहर थे,
सब देखते ही देखते बाज़ार हो गए।
-राजेश रेड्डी
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