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Thursday, February 15, 2024

न जाने वक़्त

न जाने वक़्त की रफ़्तार क्या दिखाती है
कभी कभी तो बड़ा ख़ौफ़ सा लगे है मुझे

                -जाँ निसार अख़्तर

Saturday, January 20, 2024

न हम होंगे

न हम होंगे न तुम होगे न दिल होगा मगर फिर भी
हज़ारों मंज़िलें होंगी हज़ारों कारवाँ होंगे

-मज़रूह सुल्तानपुरी 

न हम-सफ़र

न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा
                
                        -राहत इंदौरी

Tuesday, January 16, 2024

न जाने ढूँढ़ता

न जाने ढूँढ़ता रहता है क्या अक्सर किताबों में
मेरा दस साल का बच्चा शरारत क्यों नहीं करता

                    -अशोक रावत

न जाने कितनी

न जाने कितनी सुरंगें निकल गईं उससे
खड़ा पहाड़ भी बस आँख का ही धोखा था

            -द्विजेन्द्र द्विज

नए कमरों में अब

नए कमरों में अब चीज़ें पुरानी कौन रखता है
परिन्दों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है


हमीं थामे रहे गिरती हुई दीवार को वरना, 
सलीके से बुजुर्गो को निशानी कौन रखता है।

-मुनव्वर राना

Thursday, January 04, 2024

नमक लिए हुए

नमक लिए हुए फिरते हैं लोग मुट्ठी में
तू अपने ज़ख़्म ज़माने को मत दिखाया कर
            
                -मधु 'मधुमन

Sunday, December 31, 2023

न जाने बाँटता है

न जाने बाँटता है कौन सुख-दुख की ये सौगातें
उजाले मुट्ठियों में कैद, तम के पाँव पसरे हैं

-ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'

Saturday, December 30, 2023

नदी के वेग को

नदी के वेग को ज्यादा नहीं तुम बाँध पाओगे
जो हद हो जाएगी तो ठान लेगी सब मिटाने की

-ममता किरण

Friday, December 29, 2023

नज़दीकी अक्सर

नज़दीकी अक्सर दूरी का कारन भी बन जाती है,
सोच-समझ कर घुलना-मिलना, अपने रिश्ते-दारों में।

-आलोक श्रीवास्तव

Saturday, December 09, 2023

नए घर में पुराने

नए घर में पुराने एक दो आले तो रहने दो,

दिया बनकर वहीं से माँ हमेशा रोशनी देगी।


      -जयकृष्ण राय तुषार

Friday, December 08, 2023

न शामिल हो गए होते

न शामिल हो गए होते अगर हम तुम भी साजिश में,

लहू अपने से सींचा ये चमन, यूँ ही न जल जाता।


-कुलदीप सलिल