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Monday, January 15, 2024

हमने माना कि

हमने माना कि महका के घर रख दिया
कितने फूलों का सिर काट कर रख दिया

    -उदय प्रताप सिंह

Wednesday, December 27, 2023

हम तो अपने गाँव के

हम तो अपने गाँव के बरगद के साये में भी खुश थे,
ले गया हमको हमारे पाँव का चक्कर कहाँ तक।

       -उदयप्रताप सिंह

Monday, December 11, 2023

अपने आगे जिनको

अपने आगे जिनको, सारी दुनिया तिनका लगती है, 
कल आ जाए अक्ल ठिकाने, यह भी तो हो सकता है।

                    -उदय प्रताप सिंह