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Wednesday, July 24, 2024

लालच के

लालच के अंधों को भाता कब सुख-चैन ज़माने का,
अमन-चैन गर टिकता कुछ दिन, आ जाते भड़काने लोग।

-वीरेन्द्र कुमार शेखर

Thursday, June 27, 2024

वो अच्छा पति

वो अच्छा पति, भला इंसां, बड़ा शायर, मुझे लगता 
सियासत के झमेलों में पड़ा होने से पहले था

          -वीरेन्द्र कुमार शेखर

Saturday, June 22, 2024

सियासत में

सियासत में बातों के मतलब कहाँ? 
ये झाँसे हैं झाँसों में आया न कर

            -वीरेन्द्र कुमार शेखर

Sunday, January 21, 2024

महफ़िलों में

महफ़िलों में बात जब हक़ की उठी
रूठ के हुशियार कुछ, जाने लगे

-डॅा. वीरेन्द्र कुमार शेखर

सोच जब विज्ञान

सोच जब विज्ञान की आगे बढ़ी
नासमझ इन्सान घबराने लगे

-डॅा. वीरेन्द्र कुमार शेखर

Tuesday, January 16, 2024

पूछ कर

पूछ कर उनसे हम उठें-बैठें
ज़िन्दगी ऐसे तो न जी जाए

-डा. वीरेन्द्र कुमार शेखर

Thursday, December 07, 2023

वक्त का सम्मान करना

वक्त का सम्मान करना, यदि नहीं आया तुम्हें,
तो निकलता जाएगा बस, आ के अवसर हाथ में।
    
            -डा० वीरेन्द्र कुमार शेखर