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Wednesday, July 31, 2024

कभी कभी तो

कभी कभी तो छलक पड़ती हैं यूँही आँखें 
उदास होने का कोई सबब नहीं होता 

                -बशीर बद्र

Saturday, December 23, 2023

बड़े लोगों से मिलने में

बड़े लोगों से मिलने में, हमेशा फासला रखना,
जहाँ दरिया, समंदर से मिला, दरिया नहीं रहता।

    -बशीर बद्र 

शोहरत की बुलन्दी भी

शोहरत की बुलन्दी भी, पल भर का तमाशा है
जिस डाल पे बैठे हो, वो टूट भी सकती है।

               -बशीर बद्र

लॉन में एक भी बेल

लॉन में एक भी बेल, ऐसी नहीं, जो देहाती परिन्दे' के पर बाँध लें,
जंगली आम की, जानलेवा महक, जब बुलायेगी, वापस चला जायेगा। 
         
                   -बशीर बद्र

दुश्मनी जम कर करो

दुश्मनी जम कर करो, लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिन्दा न हों

                     -बशीर  बद्र

Thursday, December 21, 2023

सर झुकाओगे

सर झुकाओगे, तो पत्थर, देवता हो जायेगा,
इतना मत चाहो उसे, वो बेवफा हो जायेगा।  
 
                -बशीर बद्र

कुछ तो मजबूरियाँ

कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी,
यूँ कोई बे-वफ़ा नहीं होता। 

            -बशीर बद्र

मुसाफिर हैं हम भी

मुसाफिर हैं हम भी, मुसाफिर हो तुम भी, 
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी।

       -बशीर बद्र

उड़ने दो परिन्दों को

उड़ने दो परिन्दों को अभी शोख हवा में,
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते।

                   -बशीर बद्र

यहाँ लिबास की

यहाँ लिबास की क़ीमत है, आदमी की नहीं,
मुझे गिलास बड़ा दे, शराब कम कर दे। 

             -बशीर बद्र

Sunday, December 10, 2023

उजाले अपनी यादों के

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाए

                        -बशीर बद्र

हम भी दरिया हैं

हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा 

                    -बशीर बद्र

कोई हाथ भी न मिलाएगा

कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से
ये नये मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो

                    -बशीर बद्र

लोग टूट जाते हैं

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में
तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में
                
                    -बशीर बद्र

Friday, December 08, 2023

कह देना समंदर से

कह देना समंदर से हम ओस के मोती हैं

दरिया की तरह तुझसे मिलने नहीं आएँगे


    -बशीर बद्र