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-हैरत फ़र्रुख़ाबादी
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Wednesday, January 10, 2024
वक़्त के साथ
वक़्त के साथ बदल जाता मैं लेकिन हर पल
मेरा माज़ी मुझे आईना दिखाता ही रहा
-हैरत फ़र्रुख़ाबादी
दोस्तो इस दौर
दोस्तो इस दौर की सब से बड़ी ख़ूबी है ये
आदमी पत्थर का दिल पत्थर का घर पत्थर का है
-हैरत फ़र्रुख़ाबादी
[ हैरत फ़र्रुखाबादी, मूल नाम- ज्योति प्रसाद मिश्रा, 08 फरवरी 1930]
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