Wednesday, January 10, 2024

वक़्त के साथ

वक़्त के साथ बदल जाता मैं लेकिन हर पल 
मेरा माज़ी मुझे आईना दिखाता ही रहा

-हैरत फ़र्रुख़ाबादी

No comments: