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Monday, January 15, 2024

इस सदी सी

इस सदी सी बेहया कोई सदी पहले न थी
इस क़दर बेआब आँखों की नदी पहले न थी

                 -नूर मुहम्मद 'नूर'

आदमी में आदमीयत

आदमी में आदमीयत और खुशबू फूल में
हो सके तो शहर में अब ये खज़ाना ढूँढ़ना

              -नूर मुहम्मद 'नूर'

Tuesday, December 19, 2023

वे जिनके पाँव के नीचे

वे, जिनके पाँव के नीचे नहीं ज़मीन कोई,
वे मुट्ठियों में कई आसमान रखते हैं।

               -नूर मुहम्मद 'नूर'