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Thursday, May 30, 2024

उसमें चूल्हे तो

उसमें चूल्हे तो कई जलते हैं 
एक घर होने से क्‍या होता है। 
        -डॉ. अख्तर नज़्मी 

Saturday, January 06, 2024

हम तो अपने लिए

हम तो अपने लिए अपने ही जलाते हैं चराग़
चाँद-सूरज से उजाला नहीं माँगा करते

            -अख़्तर नज़्मी