Monday, January 15, 2024

ज़माने के ख़ुदा

ज़माने के ख़ुदा या नाख़ुदा कोशिश भले कर लें
गुनहगारों की कश्ती है, नदी में डूब जायेगी

              -अंसार कम्बरी

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