Sunday, December 24, 2023

मैं थोड़ी देर जिससे

मैं थोड़ी देर जिससे सर टिकाकर बैठ लेता हूँ, 
वो पत्थर की नहीं, उम्मीद की दीवार है कोई।

      -कमलेश भट्ट कमल

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