Tuesday, December 19, 2023

ये चरम सीमा है

ये चरम सीमा है, अपनी बुज़दिली की दोस्तो,
जब भी ईसा को मिली है सूलियाँ, हम चुप रहे।

                        -वीरेन्द्र कुँवर

1 comment:

मीनाक्षी कुमावत मीरा said...

वाह, बहुत सुंदर