Friday, December 08, 2023

कहीं छोटी न पड़ जाएँ

कहीं छोटी न पड़ जाएँ तुम्हारे दिल की तकलीफें

चलो हम फिर किसी दिन अपने दिल का राज़ खोलेंगे


-कमलेश भट्ट कमल

No comments: