ग़ज़लों के चुनिंदा शेर
कहीं छोटी न पड़ जाएँ तुम्हारे दिल की तकलीफें
चलो हम फिर किसी दिन अपने दिल का राज़ खोलेंगे
-कमलेश भट्ट कमल
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