Friday, December 29, 2023

रिश्तों का इक हुजूम

रिश्तों का इक हुजूम था कहने को आस-पास,
जब वक़्त आ पड़ा तो तअ'ल्लुक़ सिमट गए।

-सीमाब सुल्तानपुरी

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