Sunday, December 31, 2023

तरक्की के अजब

तरक्की के अजब इस दौर से हम लोग गुज़रे हैं
बहुत सँवरे, सजे बाज़ार हैं, घर-बार बिखरे हैं

-ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'

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