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Tuesday, December 19, 2023
हर नदी आकर
हर नदी आकर यहाँ पर हो गयी ख़ारी,
ये सियासत भी नहीं कुछ कम समन्दर से।
-कमलेश भट्ट कमल
1 comment:
मीनाक्षी कुमावत मीरा
said...
वाह सर जी
9:22 AM
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वाह सर जी
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