Thursday, January 04, 2024

जो ऊँचे चढ़ के

जो ऊँचे चढ़ के चलते हैं वे नीचे दिखते हैं हरदम
प्रफुल्लित वृक्ष की यह भूमि कुसुमागार करते हैं

          -जयशंकर प्रसाद

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