Tuesday, January 16, 2024

तुम्हारे शहर में

तुम्हारे शहर में मय्यत को सब काँधा नहीं देते
हमारे गाँव में छप्पर भी सब मिलकर उठाते हैं

        -मुनव्वर राना 

No comments: