Wednesday, January 03, 2024

कभी गिन कर

कभी गिन कर नहीं देखे सफ़र में मील के पत्थर
नज़र मंज़िल पे रक्खी, हर क़दम रफ़्तार पर रक्खा

                    -कृष्ण सुकुमार

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