ग़ज़लों के चुनिंदा शेर
कविता की पाठशाला
नवगीत की पाठशाला
नवगीत संग्रह और समीक्षा
लोक संस्कृति
हिंदी की सौ सर्वश्रेष्ठ प्रेम कविताएँ
link
व्योम के पार
कविता की पाठशाला
Thursday, January 04, 2024
गुब्बारे से बदन
गुब्बारे से बदन पे वो मग़रूर था बहुत
पिचका तो साँस-साँस से आने लगी हवा
-फ़िराक़ जलालपुरी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment